हेल्थ गैर सरकारी संगठन का गठन एक ऐसा स्वस्थ समाज का निर्माण करने के लिए हुआ है, जहाँ समाज के हर आदमी सव्स्थ रहे,जिससे स्वस्थ विचार (भावना) की उत्पाती हो सके, ताकि सारंडा जंगल क्षेत्र जो एशिया महादेश का सबसे बड़ा मलेरिया क्षेत्र है। वहाँ के आदिवासी लोग झारफूँक में बिसवास करते हैं उन्हें उपलब्ध आधुनिक स्वास्थ्य सुविधा प्रदान की जा सके और सही दिशा दिखाई जा सके,इन कारणों से रोगी अपना बहुमूल्य जीवन खो देते हैं साथ ही साथ डायन जैसे समाजीक कूप्रथा का ज्न्म हो जाता है, जिसके फलस्वरूप दो परिवारों के बीच मतभेद पैदा हो जाता है जो अक्सर जान लेवा साबित हो जाती है। हेल्थ गैर सरकारी संगठन का स्थापना इन सभी बुराइयों को मानव समाज से दूर करने के लिए की गई है। ... विस्तार से पढ़ें|
रक्त दान सिविर का आयोजन किया गया|
हेल्थ संस्था की अगुवाई मैं रक्त दान सिविर का आयोजन किया गया| इस सिविर मैं काफ़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया|
यतीम तब्ब्सुम का सफल आपरेशन हुआ|
चक्रधरपुर के निजी नर्सिंग होम सूर्या में यतीम तब्ब्सुम का सफल आपरेशन संपन्न हुआ|
दो सौ से ज़यादा मरीजों की निसुल्क चिकित्सा की गयी|
हेल्थ संस्था की अगुवाई में सवस्थ सिविर का आयोजन किया गया और मरीजों का मुफ़्त इलाज किया गया|
रूपलाल और देवलाल का मुफ़्त चिकित्सा संपन्ना हुआ|
दोनो बच्चे साधारण बच्चों की तरह बड़े नही हुए| वे ना बोल सकते हैं ना ही चल सकते हैं|
यतीम तब्ब्सुम का सफल आपरेशन हुआ|
चक्रधरपुर के निजी नर्सिंग होम सूर्या में यतीम तब्ब्सुम का सफल आपरेशन संपन्न हुआ|
दो सौ से ज़यादा मरीजों की निसुल्क चिकित्सा की गयी|
हेल्थ संस्था की अगुवाई में सवस्थ सिविर का आयोजन किया गया और मरीजों का मुफ़्त इलाज किया गया|
रूपलाल और देवलाल का मुफ़्त चिकित्सा संपन्ना हुआ|
दोनो बच्चे साधारण बच्चों की तरह बड़े नही हुए| वे ना बोल सकते हैं ना ही चल सकते हैं|
रक्त दान सिविर का आयोजन किया गया|
हेल्थ संस्था की अगुवाई मैं रक्त दान सिविर का आयोजन किया गया| इस सिविर मैं काफ़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया|
यतीम तब्ब्सुम का सफल आपरेशन हुआ|
चक्रधरपुर के निजी नर्सिंग होम सूर्या में यतीम तब्ब्सुम का सफल आपरेशन संपन्न हुआ| सनद रहे कि तब्ब्सुम एक यतीम व असहाय महिला है|
दो सौ से ज़यादा मरीजों की निसुल्क चिकित्सा की गयी|
हेल्थ संस्था की अगुवाई में सवस्थ सिविर का आयोजन किया गया और मरीजों का मुफ़्त इलाज किया गया|
रूपलाल और देवलाल का मुफ़्त चिकित्सा संपन्ना हुआ|
दोनो बच्चे साधारण बच्चों की तरह बड़े नही हुए| वे ना बोल सकते हैं ना ही चल सकते हैं|